अमृत-कलश
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कुछ गुनगुनाते पल , कुछ मुसुकुराते पल, ख़ुशी का एहसास कराते है !!
बारिश की पहली बूँद जैसे पवन , मोर के नृत्य जैसे मनभावन
खूबसूरत ये पल , बार-बार क्यूँ नहीं आते है !!
सोचती हूँ कभी तो उत्तर यही मिलता है ,
गर्मी के बिना बारिश का क्या महत्व, दुख के बिना सुख में क्या है तत्व !
बस ऐसे पलों को संजोह लो तुम !!
जो गर्मी में भी शीतलता का एहसास दिलाते है और अनजानी ही सही अधरों पर अधखिली मुस्कान दे जाते है !!
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